कुछ तो गलत है मेरे साथ,
दूसरों को ख़ुश देख के खुशी मिलती है|
जिन्हे जानता पहचानता भी नहीं,
उन्हें हँसता देख के दुनिया हसीन लगती है ||
सागर की लहरों के शोर में शांति मिलती है,
पहाड़ो में सनसनाती हवा में आवाज़ मिलती है|
जंगलो की खामोसी में अपनापन लगता है,
शहर की भीड़ अजनबी लगती है||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
दुनिया भली भली सी लगती है ||
किसी से टकरा जाऊ तो खुद माफ़ी मांग लेता हूँ,
कोई गिरे तो हँसता नहीं हाथ बढ़ता हूँ|
अंजानो का दर्द देख आँखे भीग जाती है,
गरीब कोई मुस्कुराए तो मैं भी मुस्कुराता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ
इंसानियत में विश्वाश जताता हूँ ||
लुटेरों से भरे बीहड़ में,
मुसाफिरों को सही राह दिखता हूँ||
खुद अकेला भी महसूस करू लेकिन,
दोस्तों का साथ निभाता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
भीड़ से अलग चलना चाहता हूँ||
कोशिश कर कर हार भी जाता,
हौसला नहीं गवाता हूँ|
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
हर समय आशा का दीपक जलाता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
कुछ अलग कुछ नया करना चाहता हूँ ||
दूसरों को ख़ुश देख के खुशी मिलती है|
जिन्हे जानता पहचानता भी नहीं,
उन्हें हँसता देख के दुनिया हसीन लगती है ||
सागर की लहरों के शोर में शांति मिलती है,
पहाड़ो में सनसनाती हवा में आवाज़ मिलती है|
जंगलो की खामोसी में अपनापन लगता है,
शहर की भीड़ अजनबी लगती है||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
दुनिया भली भली सी लगती है ||
किसी से टकरा जाऊ तो खुद माफ़ी मांग लेता हूँ,
कोई गिरे तो हँसता नहीं हाथ बढ़ता हूँ|
अंजानो का दर्द देख आँखे भीग जाती है,
गरीब कोई मुस्कुराए तो मैं भी मुस्कुराता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ
इंसानियत में विश्वाश जताता हूँ ||
लुटेरों से भरे बीहड़ में,
मुसाफिरों को सही राह दिखता हूँ||
खुद अकेला भी महसूस करू लेकिन,
दोस्तों का साथ निभाता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
भीड़ से अलग चलना चाहता हूँ||
कोशिश कर कर हार भी जाता,
हौसला नहीं गवाता हूँ|
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
हर समय आशा का दीपक जलाता हूँ||
कुछ तो गलत है मेरे साथ,
कुछ अलग कुछ नया करना चाहता हूँ ||
Comments
Post a Comment