कभी कभी ख़ामोशी भी अच्छी होती है,
क्युकी शब्द खोज लाना भी मुश्किल है|
सुकून के पल दे जाते है बे-आवाज लम्हे,
शोर में खुद को सुन पाना भी मुश्किल है ||
दिलकश नज़ारे जो आँखों में उतर आए थे,
उन्हें भुला पाना भी मुश्किल है|
वो ठंडी हवाओ की सर्द सरसराहट,
दिल मचल न जाए, रोक पाना भी मुश्किल है ||
दोस्तों की संग जो पल बिताए,
उन किस्सों को भूलना भी मुश्किल है,
लड़खड़ा जाए जुबान शराब पीने की बाद,
उसे संभल पाना भी मुश्किल है ||
बस याद करते रहना उस बीते कल को,
और फिर मुस्कुराना भी मुश्किल है|
दिल पे पत्थर रख कर,
सीधे चलते जाना भी मुश्किल है ||
क्युकी शब्द खोज लाना भी मुश्किल है|
सुकून के पल दे जाते है बे-आवाज लम्हे,
शोर में खुद को सुन पाना भी मुश्किल है ||
दिलकश नज़ारे जो आँखों में उतर आए थे,
उन्हें भुला पाना भी मुश्किल है|
वो ठंडी हवाओ की सर्द सरसराहट,
दिल मचल न जाए, रोक पाना भी मुश्किल है ||
दोस्तों की संग जो पल बिताए,
उन किस्सों को भूलना भी मुश्किल है,
लड़खड़ा जाए जुबान शराब पीने की बाद,
उसे संभल पाना भी मुश्किल है ||
बस याद करते रहना उस बीते कल को,
और फिर मुस्कुराना भी मुश्किल है|
दिल पे पत्थर रख कर,
सीधे चलते जाना भी मुश्किल है ||
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