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Showing posts from May, 2013

Agar Tumse Itne Door Na Hote

अगर तुम हमसे इतनी दूर न होते तो आज हम इश्क में इतने मजबूर न होते हम भी हस्ते मुस्कुराते नादाँ एक बच्चे की तरह अगर दिल में छुपे दर्द हज़ार न होते तेरा साथ जो मिल गया होता मुझको तो सायद जिन्दा होने का एहसास होता मुझको मगर तूने राह अपनी अलग जो चुन ली मैंने भी अपनी सपनो की दुनिया अलग बुन ली अगर मेरे रास्ते तेरे बगैर न होते तो हम इश्क में इतने मजबूर न होते मैंने तो बोहोत इंतज़ार किया तेरे लौट आने का बनता रहा मजाक भी मैं इस ज़माने का तेरे सिवा नहीं है खुशियाँ मेरी किसी भी मौसम सुहाने में बस लगाना पड़ता है दिल किसी न किसी बहाने में मेरे सपनो के पंखों पे किस्मत के वार न होते तो हम इश्क में इतने मजबूर न होते